surya dev

सूर्य देव आरती

रविवार को सूर्य देव की विशेष पूजा की जाती है।

सूर्य देव मंत्र

मंत्र से करें ध्यान 
नमः सूर्याय शान्ताय सर्वरोग निवारिणे,

आयुरोग्य मैस्वैर्यम् देहि देवः जगत्पते

रविवार व्रत महत्व

रविवार का व्रत करने की विधि:
रविवार को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छता का ध्यान रखें। घर के किसी पवित्र स्थान पर भगवान सूर्य की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। गंध और पुष्प से भगवान सूर्य की पूजा करें। पूजा के बाद व्रतकथा सुनें और फिर आरती करें। सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें। सात्विक भोजन का सेवन करें। रविवार का व्रत एक साल, 30 रविवारों या 12 रविवारों तक किया जा सकता है।

रविवार व्रत के लाभ

रविवार व्रत से जीवन में समृद्धि , शांति और सफलता की प्राप्ति होती है।

  1. रविवार का व्रत करने से माध्यम से मान-सम्मान और धन-यश में वृद्धि होती है।
  2. रविवार का व्रत करने से इच्छाएं पूरी होती हैं।
  3. इस व्रत से शत्रुओं से सुरक्षा प्राप्त होती है।
  4. रविवार का व्रत करने से स्वास्थ्य में सुधार और तेजस्विता आती है।
  5. इस व्रत से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है।
  6. रविवार का उपवास करने से पाचन तंत्र को विश्राम मिलता है।
  7. रविवार का उपवास करने से वजन को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है।

रविवार व्रत कथा

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एक समय की बात है, एक गांव में एक वृद्धा रहती थी। वह हर रविवार सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद अपने आंगन को गाय के गोबर से लीपती थी। फिर वह सूर्य देव की पूजा करती और उन्हें भोग अर्पित करने के बाद ही खुद भोजन करती थी। लेकिन वह अपने आंगन को लीपने के लिए पड़ोसन की गाय का गोबर इस्तेमाल करती थी। सूर्य देव की कृपा से उसकी जिंदगी में कोई दुख या परेशानी नहीं थी।

यह देखकर उसकी पड़ोसन को जलन होती थी। एक रविवार को, पड़ोसन ने अपनी गाय को अंदर बांध दिया ताकि वृद्धा को गोबर न मिल सके। इस कारण, वृद्धा उस दिन भूखी रह गई और सो गई क्योंकि उसे गोबर नहीं मिला। उस रात, वृद्धा को सपने में सूर्य देव ने दर्शन दिए और पूछा कि आज भोग क्यों नहीं अर्पित किया?


इस पर बुढ़िया ने कहा कि उसके पास गाय नहीं है और पड़ोसन ने गाय को अंदर बांध दिया था, जिससे वह न तो अपने आंगन की सफाई कर पाई और न ही खाना बना पाई। तब सूर्यदेव ने कहा कि मैं तुम्हारी भक्ति से बहुत खुश हूं और तुम्हें एक गाय का वरदान देता हूं, जो तुम्हारे सभी इच्छाओं को पूरा करेगी।

सुबह जब बुढ़िया उठी, तो उसने देखा कि उसके आंगन में एक खूबसूरत गाय और बछड़ा खड़े हैं। बुढ़िया ने श्रद्धा से गाय की सेवा करना शुरू कर दिया। लेकिन जब पड़ोसन को पता चला कि बुढ़िया के पास भी एक गाय आ गई है, तो वह और भी जलने लगी। तभी उसने देखा कि बुढ़िया की गाय सोने का गोबर देती है। पड़ोसन ने बुढ़िया की अनुपस्थिति का फायदा उठाते हुए गोबर को उठाकर अपने घर ले गई।


पड़ोसन ने बुढ़िया की गाय के पास अपनी गाय का गोबर रखकर सोने के गोबर की जगह भर दी। इस तरह से लगातार सोने के गोबर इकट्ठा करने से वह कुछ ही दिनों में अमीर हो गई। सूर्यदेव ने यह सब देखा और सोचा कि अब उन्हें कुछ करना होगा। उन्होंने शाम को तेज आंधी चलवाई, जिससे बुढ़िया ने अपनी गाय को आंगन में बांध दिया।

सुबह जब उसने देखा, तो गाय सोने का गोबर कर रही थी। फिर वह रोज गाय को अंदर बांधने लगी। यह बात पड़ोसन को बर्दाश्त नहीं हुई और उसने राजा को बता दिया कि बुढ़िया के पास एक गाय है जो सोने का गोबर देती है।
राजा ने अपने सैनिकों को भेजकर बुढ़िया और उसकी गाय को बुलवाया। इस प्रकार गाय राजमहल पहुंच गई, जहां उसने अपने बदबूदार गोबर से पूरे महल का माहौल खराब कर दिया।

उसी रात राजा को सपने में सूर्यदेव नजर आए और उन्होंने कहा कि यह गाय केवल वृद्धा के लिए है। वह हर रविवार को नियमित रूप से मेरा व्रत करती है और मुझे भोग अर्पित करती है। सुबह होते ही राजा ने बुढ़िया को गाय लौटा दी और उसे बहुत सारा धन भी दिया। राजा ने नगर में घोषणा करवाई कि अब से सभी नगरवासी रविवार का व्रत रखेंगे और सूर्यदेव की पूजा करेंगे।

जो यह कथा सुने या पढ़े उसका मनोरथ पूर्ण हो।

रविवार पूजा विधि

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रविवार की पूजा कैसे करनी चाहिए?

रविवार व्रत का पालन करने के लिए कुछ विशेष नियम और विधि का पालन किया जाता है।

  • रविवार का व्रत एक साल, 30 रविवारों या 12 रविवारों तक किया जा सकता है।
  • रविवार को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छता का ध्यान रखें।
  • सूर्य देव को सूर्य नमस्कार करें ।
  • घर के किसी पवित्र स्थान पर भगवान सूर्य की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • गंध और पुष्प से भगवान सूर्य की पूजा करें।
  • पूजा के बाद व्रतकथा सुनें और फिर आरती करें। सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें।
  • सात्विक भोजन का सेवन करें।
  • सूर्य देव को अर्घ्य देते समय “ॐ सूर्याय नमः ओम वासुदेवाय नमः ओम आदित्य नमः” का जाप करना चाहिए।
  • रविवार के दिन सूर्य देव को खुश करने के लिए गुड़, दूध, चावल, लाल कपड़े और तांबे का बर्तन दान करें। इस दान से आपको पुण्य मिलता है और ग्रहों की स्थिति में सुधार होता है।

रविवार व्रत के विशेष उपाय

रविवार व्रत के पालन के दौरान कुछ विशेष नियमों का ध्यान रखना आवश्यक होता है:

  1. रविवार का दिन सूर्य देव के लिए समर्पित है और उन्हें लाल रंग बहुत पसंद है। इसलिए इस दिन लाल रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है। इस दिन चंदन से तिलक करना और घर से बाहर निकलना भी अच्छा होता है, जिससे कार्यों में कोई बाधा नहीं आती।
  2. रविवार को घर के बाहर के दरवाजे के दोनों ओर देसी घी का दीपक जलाना भी लाभकारी माना जाता है। ऐसा करने से सूर्य देव के साथ-साथ मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं, जिससे धन की प्राप्ति के अवसर बढ़ते हैं।